Wednesday, August 8, 2018
What is wireless charging and how it works?
वायरलेस चार्जिंग क्या है और यह कैसे काम करती है?
दोस्तों आप सब ने वायरलेस चार्जिंग के बारे में तो सुना ही होगा, आप में से कुछ लोगो को यह लगता होता कि यह एक बिलकुल नया अविष्कार है! जी नहीं दोस्तों यह बिलकुल नया अविष्कार नहीं है! वायरलेस चार्जिंग के बारे में पहले ही महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने 1902 में बता दिया था,लकिन कुछ आर्थिक समस्या के कारण यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया था ! फिर उसके बाद कई दशकों तक इसके बारे में इसके बारे में नई-नई खोजे होती रही!दोस्तों कई लोगो को लगता है कि पहला वायरलेस चार्जर सैमसंग कंपनी लाई थी,लकिन ऐसा कुछ नहीं है !
दुनिया का पहला वायरलेस चार्जर आज से 12-13 साल पहले आ गया था और इसको जो कंपनी लाई थी उसका नाम Palm था ! हालांकि फिर कंपनी उतना नहीं चली और इसका नाम भी लोगो ने बहुत काम सुना है,तो लोगो को लगता है कि सैमसंग ही सबसे पहले वायरलेस चार्जर लाई थी !
Wireless Charging |
क्या है वायरलेस चार्जिंग ?
दोस्तों वायरलेस चार्जिंग एक ऐसी चार्जिंग प्रक्रिया होती है जिसमे बिना किसी तार के ही मोबाइल फ़ोन के बैटरी को चार्ज करा जाता है !हलाकि यह सच में एक वायरलेस चार्जिंग नहीं होती, इसमे एक Pad होता है जो तार के साथ स्विचबोर्ड से जुड़ा होता है, और इसके उप्पर फ़ोन रखकर फ़ोन को चार्ज करा जाता है !इसमें दो चीजे होती है, जो है ट्रांसमीटर[pad ] और रिसीवर [mobile ] ! इन दोनों में ही coil लिपटी होती है! अगर फ़ोन में coil नहीं है तो इसे एक प्रकार के कवर से पैक कर लिया जाता है !
अब ट्रांसमीटर[pad ] से रिसीवर [mobile] में electromagnetic Induction [विधुत चुम्बकीय प्रेरण] के जरिये Energy ट्रांसफर होती है और फ़ोन चार्ज होता है ! यहां फ़ोन साधारण चार्जर के मुकाबले बहुत देरी से चार्ज होता है, क्योकि Energy ट्रांसफर के दौरान Energy का loss भी होता है !
Wireless Charging |
वायरलेस चार्जिंग कैसे काम करती है ?
दोस्तों मैंने आपको पहले ही बता दिया कि वायरलेस चार्जिंग सही में वायरलेस नहीं होती है और इसमें चार्जर को तार जरिए स्विचबोर्ड के साथ जोड़ दिया जाता है, जहां से उसे पॉवर मिलती है !दोस्तों Energy का ट्रांसफर एक स्थान से दूसरे स्थान में होने में magnetism[चुंबकत्व] का बहुत बड़ा काम है !
दोस्तों जब हम स्विचबोर्ड से Pad को तार के जरिये जोड़ते है, और जब स्विचबोर्ड को ऑन करते है तो Coil घूमने और उसमे Magnetic Field[ चुम्बकीय क्षेत्र ] पैदा होने लगती है,जिसके कारण Electric current [ विधुत धारा ] बनती है और मोबाइल फ़ोन चार्ज होने लगता है !
दोस्तों आपको बता दे जो इसकी चार्जिंग स्पीड होती है वह एक साधारण चार्जर से कम होती है !
अगर आपको अपना फोन थोड़ी तेजी से चार्ज करना है तो आपको बड़ी coil के साथ बड़ा Pad चाहिए होगा !
Wireless Charging |
वायरलेस चार्जिंग वाले कुछ स्मार्टफ़ोन्स
दोस्तों चलिए जान लेते है कि मार्किट में कौन-कौन से वायरलेस चार्जर मिलते है
1- Motorola moto Z2 Force
2-LG V30
3-Samsung Galaxy S9+
4-Nokia 6.15- Apple iPhoneX
6-Ulefone Power 5
दोस्तों मैं आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और आप जान गए होंगे कि वायरलेस चार्जिंग होती क्या है और यह काम कैसे करती है !
दोस्तों आप नीचे कमेंट बॉक्स में बताये की क्या आप ने भी वायरलेस चार्जर को इस्तेमाल करा है ?
अपना कीमती समय देने के लये ध्यानवाद
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